12 Jyotirlingas lord shiva
12 ज्योतिर्लिंग और उनके नाम व स्थान
धर्म दर्शन में आईये जानते है शिव लिंग और ज्योतिर्लिंग में क्या अंतर है और कितने ज्योतिर्लिंग कहाँ कहाँ पर स्थित है। भारत देश धर्म परायण देश है। सम्पूर्ण भारत वर्ष में हजारो शिव मंदिर है और उनमे स्थापित है हजारो शिवलिंग , शाश्त्रो में शिवलिंग का अर्थ बताया गया है अनंत जिसकी न कोई शुरुआत है और न अंत शिवलिंग की स्थापना विधि विधान से मानव द्वारा की जाती है।
वही हिन्दू धर्म के अनुसार ज्योतिर्लिंग का अर्थ होता है भगवान शिव का ज्योति के रूप में प्रगट होना, कहा जाता है की ये मानव द्वारा निर्मित नहीं है बल्कि ये सृष्टि के कल्याण और गतिमान बनाये रखने के लिए स्वयं प्रगट हुए है ज्योतिर्लिंग १२ ही है शिव लिंग कई हो सकते है। इन १२ ज्योतिर्लिंग के बारे कहा जाता है की यहा स्वयं भगवान शिव विद्यमान है,जो एक ज्योति स्वरुप प्रगट हुए थे। शिव पुराण के अनुसार एक बार भगवान व्रह्मा और भगवान विष्णु में इस बात को लेकर विवाद हो गया की सर्वश्रेष्ठ कौन है। दोनों इसी बात पर अडिग थे की वे ही सर्वश्रेष्ठ है। इसी भ्रम को दूर करने के लिए भगवान शिव एक ज्योति के रूप में प्रगट हुए जिसकी न तो शुरुआत थी और न अंत ज्योतिलिंग में से आवाज आयी और दोनों में से कोई भी ज्योतिर्लिंग का छोर नहीं देख पाए तभी ये तय हुआ की ब्रह्मा जी और विष्णुजी से श्रेष्ठ ये दिव्या ज्योति है। इस ज्योतिस्तंभ को ज्योतिर्लिंग कहा गया। जहाँ लिंग का अर्थ है प्रतीक अर्थात भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रगट होना। साथ ही इसे सृष्टि के निर्माण का प्रतिक भी मन जाता है आइये जानते है १२ ज्योतिर्लिंग के बारे मे।
सोमेश्वर या सोमनाथ
यह प्रथम ज्योतिर्लिंग है, जो गुजरात में है। इसे प्रभास तीर्थ कहते हैं।
श्रीशैलम मल्लिकार्जुन
श्रीशैलम मल्लिकार्जुन द्वितीय ज्योतिर्लिंग है, यह आंध्र प्रदेश में श्रीशैल नामक पर्वत पर स्थित है। इसे दक्षिण का कैलाश भी माना गया है।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग तृतीय ज्योतिर्लिंग है और यह मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। इसे प्राचीनकाल में अवंती भी कहा जाता था।
ओंकारेश्व ज्योतिर्लिंग
ओंकारेश्व चतुर्थ ज्योतिर्लिंग है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भी मध्य प्रदेश में है और यह नर्मदा नदी के तट पर स्थित है।
केदारेश्वर पंचम ज्योतिर्लिंग है, जो उत्तराखंड में हिमालय की चोटी पर स्थित है और यह केदारनाथ के नाम से विख्यात है।
भीमाशंकर षष्ठम ज्योतिर्लिंग है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में भीमा नदी के पास सहयाद्रि पर्वत पर स्थित है। भीमा नदी इसी पर्वत से निकलती है।
विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग
विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग काशी में विराजमान है और यह सातंवा ज्योतिर्लिंग है। यह काशी विश्वानाथ के नाम से प्रसिद्ध है।
त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग आठवां ज्योतिर्लिंग है और यह महाराष्ट्र के नासिक जिले में गोदावरी नदी के पास स्थित है।
वैघनाथ महादेव को बैजनाथ भी कहते हैं और यह नौवां ज्योतिर्लिंग है, जो झारखंड के देवघर में स्थापित है। इस स्थान को चिताभूमि भी कहा गया है।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
भगवान शिव का यह दसवां ज्योतिर्लिंग बड़ोदा क्षेत्र में गोमती द्वारका के पास है। इस स्थान को दारूकावन भी कहा जाता है। इस ज्योतिर्लिंग को लेकर कई जगह विवाद है। कुछ लोग इसे दक्षिण हैदराबाद के औढ़ा ग्राम में स्थित मानते हैं।
भगवान शिव का एकदाशवें ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु में समुद्र के किनारे स्थित है। इस तीर्थ के सेतुबंध भी कहा जाता है।
भगवान शिव का द्वादशवें ज्योतिर्लिंग को घृष्णेश्वर या घुसृणेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के दौलताबाद में स्थित है।

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